द गर्ल इन रूम 105
कहीं ऐसा तो नहीं कि मेरे पैरेंट्स ने उसकी जो इंसल्ट की, उसके कारण वो आतंकवादी बन गईट सिकंदर तो उसको इतना चाहता था, वो उसे क्यों मारना चाहेगा? लेकिन चंद मिनटों बाद मेरा दिल ग्लानि से भर गया। मुझे सफ़दर की बात याद आई, जिन्होंने कहा था कि
ज़ारा एक स्थाई परिवार का हिस्सा बनने के लिए तरस रही थी। जिस तरह से मेरे परिवार ने उसे ठुकरा दिया था, उससे उसे कितनी ठेस पहुंची होगी। मैं इन्हीं विचारों में देर तक डूबता उतराता रहा।
फोन की रिंग से मेरे विचारों में बाधा पड़ी। फका पाकिस्तानी फोन बज रहा है, सौरभ ने कहा। वो बेड से इस तरह उछला, जैसे किसी ने उस पर
बाल्टी भरके कॉक्रोच फेंक दिए हों।
अब हम क्या करेंगे, भाई?' उसने कहा। " "रिलैक्स वो केवल कॉल-बैक कर रहे हैं।'
"पाकिस्तानी फोन पर उसने चिल्लाते हुए कहा, जैसे कि पाकिस्तानी फोन को अटेंड करते ही उसमें
ब्लास्ट हो जाता हो। मैंने होंठों पर उंगली रखकर सौरभ को चुप रहने को कहा।
मैंने कॉल अटेंड किया।
'अस्सलाम अलैकुम, दूसरी तरफ़ से एक पुरुष की आवाज़ आई ।। 'हैलो, ' मैंने कहा 'आई मीन, अस्सलाम अलैकुम सॉरी, बालकुम
दूसरी तरफ मौजूद आवाज खामोश हो गई।
"क्या आप सिकंदर हैं?" मैंने कहा।
"कौन, जनाव?' उसने कहा।
'आपने जारा के फोन पर कॉल किया है ना?'
* आप कौन बोल रहे हैं और आपको यह फोन कहां से मिला?"
"मैं जारा का दोस्त है।"
'नाम?' "केशव।"
जैसे ही मैंने अपना नाम लिया, सौरभ की दोनों भौहें तन गई। मुझे अपने मुंह पर उंगली रखकर इशारा करना पड़ा, ताकि वह कहीं चिल्ला ना पड़े। मैं केशव हूँ, जारा का दोस्त। क्या आप सिकंदर हैं? मेरी आपसे जारा के कफन दफ़न पर मुलाकात हुई
थी?
"क्या हम मिले थेट ओके, तो यह सिकंदर ही था।
"तुम मुझे जानते हो ना? जारा का राजस्थानी दोस्त।'
'आपा ने आपके बारे में बताया था।'
"उसने बताया था?' मैंने कहा मैं सोच रहा था कि ज़ारा ने मेरे बारे में उसको क्या बताया होगा।
"आपको यह फोन कैसे मिला?" "सिकंदर भाई क्या हम मिल सकते हैं?"
इस बार मुझे सौरभ का मुंह जोर से दबाना पड़ा, क्योंकि मैंने सिकंदर से मिलने की इच्छा जता दी थी।
* क्यों?' सिकंदर ने कहा।
मुझे उसकी मौत के बारे में कुछ सवाल पूछने थे।' 'क्या सवाल? उसका क़ातिल तो जेल में है।'
'वो क़ातिल नहीं है।'
"मुझे इस बारे में कुछ नहीं पता।" "हम एक बार मिल तो सकते हैं।" 'नहीं, ' उसने कहा और फ़ोन रख दिया। मैंने अपना हाथ सौरभ के मुंह से हटा दिया। उसने घूरकर मुझे
देखा।
"क्या?'
"अब तुम एक टेररिस्ट से मिलना चाहते हो??